गणराज मेरी लाज अब है तुम्हारे हाथों में भक्त आये हुए कितने सालों में गणराज मेरी लाज अब है तुम्हारे हाथों में
सबसे पहले मनाते हैं गणराज को , सिद्ध कर दो हमारे सभी काज को , तुम हो गौरी के नंदन गजानन बड़े , हाथ जोड़े तुम्हारे शरण में खड़े गणराज मेरी लाज अब है तुम्हारे हाथों में
रिद्धि सिद्धि के दाता कहाते हो आप , सारी दुनिया के दुखड़े मिटाते हो आप , हम गरीबों का कोई सहारा नही , सारी दुनिया में कोई हमारा नही गणराज मेरी लाज अब है तुम्हारे हाथों में
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