घनश्याम से कह देना एक बात अकेले में रोती हैं सखी उनकी दिन रात अकेले में
बनवारी बसे मथुरा लेकिन वो मेरे मन में ,अब रटती सखी रटना दिन रात अकेले में
घनश्याम से कह देना एक बात अकेले में
अब शान्ति नही मन में अब नींद न आंखों में ,मन भटके मिलने को दिन रात अकेले में
घनश्याम से कह देना एक बात अकेले में
श्री कृष्ण के विरह में हो जायें न हम पागल , आंखो से लगी रहती बरसात अकेले में
घनश्याम से कह देना एक बात अकेले में
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