बन्नी गीत : मेरी लाज निभाना बेटी ससुराल में (मां अपनी बेटी को क्या समझा रही है सुनें)



मेरी लाज निभाना बेटी ससुराल में
कभी सासू कुछ कहें तो सुन लेना , डांट मम्मी की समझ के भूल जाना उनका सम्मान करना बेटी ससुराल में
कभी जिठनी कुछ कहें तो सुन लेना, डांट भाभी की समझ के भूल जाना सबसे प्यार से रहना बेटी ससुराल में
कभी ननदी कुछ कहें तो सुन लेना , डांट बहना की समझ के भूल जाना उनका मान बढ़ाना बेटी ससुराल में
कभी देवर कुछ कहें तो सुन लेना, डांट भैया की समझ के भूल जाना सारे फर्ज निभाना बेटी ससुराल में
कभी पति कुछ कहें तो सुन लेना , धर्म अपना समझ के भूल जाना हरदम मर्यादा में रहना बेटी ससुराल में





Share:

No comments:

Post a Comment