काली माता भजन: तेरा बना रूप विकराल (काली माता का बहुत प्यारा भजन)


तेरा बना रूप विकराल कालका डर लागे
जंगल जंगल फिरें अकेली ,खोल के लम्बे बाल कालका डर लागे तेरा बना रूप विकराल कालका डर लागे
सड़कों सड़कों फिरें अकेली, मुंह में दबा के भाल कालका डर लागे तेरा बना रूप विकराल कालका डर लागे
श्मशानों में फिरें अकेली ,गले मुंडों की माल कालका डर लागे तेरा बना रूप विकराल कालका डर लागे
मंदिरों मंदिरों फिरें अकेली , हाथों में खप्पर लाल कालका डर लागे तेरा बना रूप विकराल कालका डर लागे
अंग मैया के चोला सोहे ,सिर पे चुनरी लाल कालका डर लागे तेरा बना रूप विकराल कालका डर लागे



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