सदगुरुजी का भजन : कार्तिक पूर्णिमा स्पेशल : गुरु जी की कुटिया को मैंने फूलों से सजाया है



गुरु जी की कुटिया को मैंने फूलों से सजाया है
मेरे घर आओ गुरु जी मैंने तुमको बुलाया है
गुरु मेरे ब्रम्हा हैं गुरु मेरे विष्णु हैं गुरु मेरे शिव भोले जिसने जग को रचाया है गुरु जी की कुटिया को मैंने फूलों से सजाया है
गुरु मेरे गंगा हैं गुरु मेरे यमुना हैं गुरु मेरे त्रिवेणी जिसने सबको नहलाया है गुरु जी की कुटिया को मैंने फूलों से सजाया है
गुरु मेरे माता-पिता गुरु मेरे बन्धु सखा गुरु मेरे सतगुरु हैं जिसने ज्ञान सिखाया है गुरु जी की कुटिया को मैंने फूलों से सजाया है
गुरु मेरे चन्दा हैं गुरु मेरे तारे हैं गुरु मेरे सूरज की किरण जिससे जग उजियारा है गुरु जी की कुटिया को मैंने फूलों से सजाया है


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