सखी री बृंदावन जाऊंगी अरे रे मेरे उठे विरह की पीर कान्हा को जाय मनाऊंगी अरे रे मेरो मनुवां भयो अधीर
१- श्याम की सूरत मतवाली लगे मोको प्यारी प्यारी ,दरश बिन चैन न पाऊंगी श्याम की बन गई हूं मैं हीर ..
२- छूट गयो भोजन और पानी, बनी मैं श्याम की दीवानी, मैं जब तक चैन न पाऊंगी श्याम की देख न लूं तस्वीर..
३- श्याम ने पागल कर डाली , छोड़ गयी मैं दुनियादारी , मैं मन की प्यास बुझाऊंगी अरे रे मेरे भर दे नैनन नीर..
४- लड़े रे मेरे गिरधर से नैना, मिले न एक पल की अब चैना, मैं बृंदावन बस जाऊंगी श्याम संग यमुना जी के तीर...
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