सुन री यशोदा मैया तेरो नंदलाल कंकड़िया से मटकी फोड़े मदन गोपाल कंकड़िया से मटकी फोड़े
१- नानो कंहैया तेरो बड़ो उतपाती संग में गवाल वाल खुरापाती,करते डगरिया में चलना मुहाल कंकड़िया से..
२- छाछ दही माखन को बैरी टारो ढीट न टस न टरे री , ऊंचे छींके पे टांगी बहुत संभाल कंकड़िया से...
३- माखन चुरावे को चोरी चोरी आवे आधो खावे कान्हा आधो गिरावे, हाय री दइया ये तो करे रे धमाल कंकड़िया..
४- बोले कन्हैया सरल झूठी है गुजरी घर में बुलाय मोसे बहुत बुरी करी माखन के लालच में नचायो देदे ताल कंकड़िया से मटकी फोड़े मदन गोपाल..
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