लव और कुश ने जन्म लिया बाबा की कुटिया में अरे साधू की कुटिया मे
अरे यहां तो सासू नही हैं, चरुआ कौन चढाये अरे बाबा की कुटिया में अरे साधू की कुटिया में
इसी तरह पूरा गायें
जिठानी, नन्द, देवर , सखियां
हैलो दोस्तों हरी रस माला में आपका स्वागत है | मेरा नाम नमता भदौरिया है | मैं नई दिल्ली में रहती हूँ | अगर आपको मेरे भजन पसंद आये तो लाइक, शेयर, कमेंट जरूर करे |
No comments:
Post a Comment