यमुना किनारे मेरा गांव सांवरे आय जइयो
१- यमुना किनारे मेरी ऊंची हवेली, मैं बृज की गोपिका नवेली, राधा रंगीली मेरो नाम कि बंशी बजाय जइयो..
२- मल मल के स्नान कराऊं ,घिस घिस चंदन तिलक लगाऊं, पूजा करूंगी सुबह शाम कि माखन खाय जइयो.
३- बंगला तेरा सुंदर बनाऊं, प्यारे प्यारे फूलों से सजाऊं
देखूंगी तेरी वाट सांवरे आय जइयो..
४- खस खस का बंगला बनवाऊं चुन चुन कलियां सेज सजाऊं, धीरे धीरे दाबूं तेरे पांव प्रेम रस पाय जइयो..
No comments:
Post a Comment