यशोदा नंद को लाला री हमें तो जोगनिया बनाय गयो रे
वो छलिया नंद को लाला..
१- सिर पे जाके मुकुट विराजे, हमारे सिर जटा धराय गयो रे यशोदा ..
२- कानो मे कुंडल गले में माला, हमारे अंग भभूति रमाय गयो रे यशोदा..
३- आप तो खावें दही और पेड़ा, हमे तो खट्टी छाछ पिलाय गयो रे यशोदा..
४- आप तो रहते रंग महल में, हमे तो झोपड़ी में बसाय गयो रे यशोदा..
५- आप तो बैठे राजसिंहासन, हमे तो धरणी में बसाय गयो रे हमें तो मटिहारी बनाय गयो रे यशोदा...
६- आप तो बसे द्वारिका में जाके, हमे तो बृंदावन बसाय गयो रे यशोदा..
७ बैठाकर प्रेम की गाड़ी में हमे तो बृंदावन बसाय गयो रे यशोदा..
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