बड़ा नटखट है मां तेरा नंदकिशोर गलियन गलियन घूमे दधि खाये माखनचोर
१- मैया ये लाल तेरा रार मचावे रोज रोज कुंजन मे सतावे
नंद नंदन के आगे चले न कोई जोर गलियन गलियन घूमे दधि खाये माखनचोर
२-बृंदाबन में रास रचावे मुरली बजाये श्याम दिल को लुभाये धुन सुन कर के सखियों के मन में उठी हिलोर गलियन गलियन घूमे दधि खाये माखनचोर
३-नाचे छम-छम नंद को लाला मन का उजाला तन का काला मन कुंजन मे मेरे मोर मचावे शोर गलियन गलियन घूमे दधि खाये माखनचोर
४- कोई नहीं हैभक्तों का सहारा भक्तों ने शयाम प्यारे को पुकारा कान्हा के चरणों में मेरी जीवन डोर गलियन गलियन घूमे दधि खाये माखनचोर
No comments:
Post a Comment