कृष्ण भजन :दही की मटकिया मे डाले दोनो हाथ है प्यारा भजन



छुप छुप खड़े हो जरुर कोई बात है दही की मटकिया मे डाले दोनो हाथ है
१-गुजरी- देख री यशोदा मैया तेरो ये कन्हैया ,मटकी को फोड़ बिखराय गयो दहिया,  मारने को जाऊं तो ये आये नहीं हाथ है दही की मटकिया मे डाले दोनो हाथ है
२- कान्हा- देख री यशोदा मैया मेरो न कसूर है, छोटे छोटे हाथ मेरे छींका बड़ी दूर है, डरें नहीं मैया ये तो बड़ा उतपात है दही की मटकिया मे डाले दोनो हाथ है
३- गुजरी- हाथ नही आवे तो ये छींके से उतार ले, कहां धरी श्याम जी ने ढूंढ लयी जाय के, सांवरिया ने झपटकर पकड़े दोऊ हाथ है दही की मटकिया मे डाले दोनो हाथ है
४-गुजरी_ देख री यशोदा मैया तेरो ये कन्हैया,चुनरी को फाड़ के मरोड़ गयो बैंया , उंगली दिखावे मैया बड़ो उतपात है दही की मटकिया मे डाले दोनो हाथ है
५- श्याम जी के हाथों में फूलों की डाली, राधा जी से मिलने को बन गये माली, चाल मतवाली चले सही नही जात है दही की मटकिया मे डाले दोनो हाथ है


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