मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल
राम नाम बोल हरि का नाम बोल मेरे..
१- कुट पिट के तू आया जगत में, पिछली हंसी टटोल मेरे....
२-जैसी करनी वैसी भरनी , इसमे प्रभु का क्या दोष मेरे...
३-ऊपर से तू चिकना चुपड़ा , अंदर भरी है तेरी पोल मेरे..
४- जब तू जायेगा हरि के द्वारे, वंहा खुलेगी तेरी पोल मेरे...
५-कहत कबीर सुनो भाई साधो, अंदर की आंखें खोल मेरे..
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