खुले हैं मन मंदिर के द्वार पधारो राधे संग सरकार
१- जन्म जन्म का मै अपराधी करना न जानू योग समाधि , तुम कृपा करो भगवान पधारो राधे संग सरकार
२- दर दर भटकूं चैन न पाऊं हाल मैं अपना किसे सुनाऊं
हरि तेरे बिना बेकार पधारो राधे संग सरकार
३- मेरे नैनो में बस जाओ मेरे हृदय में बस जाओ
तुम आया करो गोपाल पधारो राधे संग सरकार
४-आप भी आओ संग ग्वालों को लाओ मटकी फोड़ो माखन खाओ जाऊं तुम पर मैं वलिहार पधारो राधे संग सरकार
५- कब से तेरी वाट निहारूं कब आओगे तन मन बारुं
मेरे गोवर्धन गोपाल पधारो राधे संग सरकार
६-आप भी आओ संग राधा को लाओ आ सत्संग में धूम मचाओ , मेरा कर दो बेड़ा पार पधारो राधे संग सरकार
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