मोहिनी सूरत मैया की दिल दीवाना हो गया बैठीं हैं मां सज संवर के दिल दीवाना हो गया
एक तो काली मां संग में दूसरे लक्ष्मी खड़ी , तीसरे सरस्वती का आना दिल दीवाना हो गया
एक तो माथे पे बिंदिया दूसरे माला गले , तीसरे नैना कटीले दिल दीवाना हो गया
एक तो मां के हाथ गोरे दूसरे चूड़ी कंगन , तीसरे मेहंदी रचाना दिल दीवाना हो गया
एक तो पैरों में बिछूआ दूसरे महावर लगी , तीसरे पायल में घुंघरू दिल दीवाना हो गया
एक तो मां के अंग सुंदर दूसरे चोला सजे, तीसरे ओढ़े चुनरिया दिल दीवाना हो गया
एक तो मां के भोग सुंदर दूसरे हलुआ पूड़ी , तीसरे नारियल बतासा दिल दीवाना हो गया
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