सांवरिया ऐसी तान सुना , ऐसी तान सुना मेरे मोहन मैं नाचू तू गा सांवरिया ऐसी तान सुना
१- रस की धार बहे इस मन में, अनुपम प्यार बहे इस मन में , तेरी याद न बिसरे एक पल ऐसा मस्त बना ..
२- भूली फिरूं मैं सदा कुंजन मे, बृज की चिन में दिव्य लतन में ,रसिकन की पग रज मस्तक की देवे लेख जगा .
३- नैनन हो मेला अंसुवन का, पग पग थिरक उठे जीवन का, हर एक प्राण पुकारे पी पी ऐसी तार हिला..
४- हर पल तेरा रुप निहारूं, मै सोवत जागत तुम्हे पुकारुं,
हरी हरो मन की कुटलाई प्रेम की ज्योति जगा सांवरिया ऐसी तान सुना..
१- रस की धार बहे इस मन में, अनुपम प्यार बहे इस मन में , तेरी याद न बिसरे एक पल ऐसा मस्त बना ..
२- भूली फिरूं मैं सदा कुंजन मे, बृज की चिन में दिव्य लतन में ,रसिकन की पग रज मस्तक की देवे लेख जगा .
३- नैनन हो मेला अंसुवन का, पग पग थिरक उठे जीवन का, हर एक प्राण पुकारे पी पी ऐसी तार हिला..
४- हर पल तेरा रुप निहारूं, मै सोवत जागत तुम्हे पुकारुं,
हरी हरो मन की कुटलाई प्रेम की ज्योति जगा सांवरिया ऐसी तान सुना..
Bhut hi sundar bhjan
ReplyDeleteThank you :)
DeleteApke bhajan sun k mn kush ho jata ha
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