नगर कोटि में मैया मेरी बस रहीं जी एजी कोई ज्वाला जी में हमबे कोई ज्वाला जी में जल रही ज्योति..
मांग मैया के टीका सोह रहा जी , एजी कोई बिंदिया पे हमबे कोई बिंदिया पे छाई है बहार नगर कोटि में...
इसी तरह पूरा श्रृंगार बोलें
कान कुंडल, झुमका
गले हरवा , माला
हाथ चूड़ा , मेंहदी
कमर तगड़ी, गुच्छा
पैर पायल , बिछुआ
अंग चोला , चुनरी
भोग हलुआ छोले
मांग मैया के टीका सोह रहा जी , एजी कोई बिंदिया पे हमबे कोई बिंदिया पे छाई है बहार नगर कोटि में...
इसी तरह पूरा श्रृंगार बोलें
कान कुंडल, झुमका
गले हरवा , माला
हाथ चूड़ा , मेंहदी
कमर तगड़ी, गुच्छा
पैर पायल , बिछुआ
अंग चोला , चुनरी
भोग हलुआ छोले
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